Tuesday, August 25, 2020

सिरोही जिले का एकमात्र स्कूल, संस्थान हैं जहां होती हैं दिव्यांगों की सबसे अच्छी पढ़ाई

 

"मेरा भगवान दिव्यांगों में" के संकल्प एवं दानदाताओं के सहयोग से संचालित दिव्यांग बच्चों के लिए "संस्कार शैक्षिक पुनर्वास एवं अनुसंधान संस्थान मंडार" में आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।

समाज में जो भी मूकबधिर, मानसिक विमंदित, नेत्रहीन या किसी भी तरह के दिव्यांगजन है वे तिरस्कार एवं घृणा के पात्र नहीं है। हमें उनके साथ मानवीय व्यवहार करना चाहिए और यह मानवीय व्यवहार है, उन्हें शिक्षित करना एवं समाज की मुख्य धारा से जोड़ना |

इसी समस्या को देखते हुए लीलाधारी महादेव की पावन धरा मंडार (सिरोही) में रमेश आंजणा चौधरी के द्वारा संस्कार शैक्षिक पुनर्वास एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई।
  

संस्थान परिचय 

राजस्थान राज्य के मारवाड़ क्षेत्र में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षण, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास जैसी सुविधा की आवश्यकता एक लंबे अरसे से महसूस की जा रही थी। समस्या ग्रस्त बालकों के लिए मारवाड़ क्षेत्र में शिक्षण प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होने से कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते थे एवं धनी परिवार के छात्रों को पड़ोसी राज्य के विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण हेतु प्रवेश दिलाया जाता था। जहां उन्हें वहां की स्थानीय भाषा में ही प्रशिक्षण दिया जाता था। अतः प्रशिक्षण के बाद वापस अपने घर पर यहां की भाषा ना तो बालक स्वयं समझ पाता है और नहीं वह दूसरों को समझ पाता है। माता पिता के लिए समस्या बनी रहती थी। इसी समस्या को देखते हुए मंडार (सिरोही) में संस्कार शैक्षिक पुनर्वास एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई। संस्कार शैक्षिक पुनर्वास एवं अनुसंधान संस्थान का पंजीयन क्रमांक 48 /सिरोही/2016-17 हैं। जिसकी पंजीयन दिनांक 29/ 11/ 2016 है। यह संस्थान केवल दिव्यांग लोगों के लिए कार्यरत है। संस्थान के द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए "संस्कार" विशेष आवासीय विद्यालय का निशुल्क संचालन किया जा रहा है। यह संस्थान लोक सहयोग से संचालित है।

राजस्थान राज्य के मारवाड़ क्षेत्र में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षण, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास जैसी सुविधा की आवश्यकता एक लंबे अरसे से महसूस की जा रही थी। समस्या ग्रस्त बालकों के लिए मारवाड़ क्षेत्र में शिक्षण प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होने से कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते थे एवं धनी परिवार के छात्रों को पड़ोसी राज्य के विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण हेतु प्रवेश दिलाया जाता था। जहां उन्हें वहां की स्थानीय भाषा में ही प्रशिक्षण दिया जाता था। अतः प्रशिक्षण के बाद वापस अपने घर पर यहां की भाषा ना तो बालक स्वयं समझ पाता है और नहीं वह दूसरों को समझ पाता है। माता पिता के लिए समस्या बनी रहती थी।

स्कूल में मिलने वाली सुविधाएं

1.दिव्यांग छात्र छात्राओं को निःशुल्क शिक्षण एवं विशेष प्रशिक्षण। 

2.मुक बधिर मानसिक विमंदित एवं नेत्रहीन दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क आवासीय सुविधा। 

3.मुक बधिर बालको को साइन लैंग्वेज में शिक्षण व प्रशिक्षण। 

4.,मानसिक विमंदित बालकों को अपनी आवश्यकता के अनुसार शिक्षण व प्रशिक्षण। 

5.विशेष प्रशिक्षित एवं अनुभवी शिक्षकों के द्वारा मनोवैज्ञानिक पद्धति से शिक्षण व प्रशिक्षण। 

6.दिव्यांग बच्चों के माता-पिता एवं बच्चों को परामर्श एवं सहयोग। 

7.नेत्रहीन बालक को को विशेष शिक्षक के द्वारा ब्रेल लिपि में शिक्षण व प्रशिक्षण। 

संस्थान को आप डोनेट भी कर सकते हैं यह सबसे पूर्णय का काम हैं

जिस प्रकार हम लाखों मंदिर और मस्जिद बनाते हैं एवं बनाते आ रहे हैं। उनको बनाने से जितना पुण्य लाभ नहीं मिलता उतना इन निर्धन दिव्यांग एवं निर्मलो बच्चों के लिए विकास हेतु दान पुण्य करना महान पुण्य कार्य होता है। भगवान की सेवा पूजा मात्र से ही भगवान या भगवान के दर्शन नहीं मिलते। इन भगवान रूपी दिव्यांग एवं निर्मल बच्चों को विभिन्न प्रकार से सेवा सहायता करके हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।
 

Bank Details
BANK NAME : Oriental Bank of Commerce
ACCOUNT NO : 21502413000151
NAME : SANSKAR SHAIKSHIK PUNARVAS EVAM ANUSANDHAN
IFSC CODE : ORBC0102150
BRANCH : OBC BANK, SORDA

 

Mr. Ramesh Chaudhary
M.A (Psychology)
B.Ed Special Education (Visual Impairment),
M.Ed Special Education (Visual Impairment),
Post Graduate Diploma In Guidance and Counselling
+91 9904538217
Email Address - dciedssbk@gmail.com

School Address :-
Shital Nagar, Reodar highway Road, Mandar
Ta : Reodar, Dist : Sirohi
Rajasthan

 

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